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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ १३ ॥

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

Attract a line through the Sahasrara. For the junction exactly where the eyes, ears, nose and mouth unite on that axis, that may be The placement of intensity With this meditation.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

Oh Parvathi, you decide how very best to maintain it a top secret As just by chanting this prayer on Kunjika, we can easily manifest Dying, or attraction or make people slaves or perhaps make issues motionless

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

Swamiji says, “A compelling need is a thing that tends to make us rise up also to read more the fullest potential assert ourselves to your furtherance of the objective. The main element should be to concentrate on the mantras.”

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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